आँखों पर मरने वाले
ख़ुद आँखों का शिकार हो गए,
धीरे धीरे सपनों के भी पार हो गए।
कहते थे
आँखों की भी जुबानी होती है
आँखें आदमी का आएना होती हैं
उन्ही आँखों के प्रतिबिम्ब से आज अंधे हो गए।
आँखों पर मरने वाले
ख़ुद आँखों का शिकार हो गए,
धीरे धीरे सपनों के भी पार हो गए।
जिन आँखों पर बने थे कई तराने
जिन पर न्योंछावर थे कई नज़राने
उन्ही आँखों के बाज़ार में कत्ले आम हो गए।
आँखों पर मरने वाले
ख़ुद आँखों का शिकार हो गए,
धीरे धीरे सपनों के भी पार हो गए।
आँखों के नज़रयों से शरारत करने वाले
पलकों के पीछें से चोरी चोरी हँसने वाले
ख़ुद ही जाने किस शरारत से बर्बाद हो गए।
आँखों पर मरने वाले
ख़ुद आँखों का शिकार हो गए,
धीरे धीरे सपनों के भी पार हो गए।
आँखों की कहानी में बस आँखें ही साथ होती हैं
हर आँख की अपनी अलग जबानी होती है
कुछ आँखें कुछ आँखों की दीवानी होती हैं
और इसही दीवानगी में वोह भी दीवाने हो गए|
आँखों पर मरने वाले
ख़ुद आँखों का शिकार हो गए,
धीरे धीरे सपनों के भी पार हो गए।